कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के चल रहे चलन को देखते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस अब महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए संवाद एवं संपर्क समिति गठित की गई है। यह समिति राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटों पर निराश नेताओं से मेल-मिलाप कराने का काम करेगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता इन नेताओं से उनके आवास पर चर्चा भी करेंगे।
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं, जहां वे समिति के सदस्यों से बातचीत कर फीडबैक ले सकते हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेताओं ने संकेत दिया है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद से नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। नुकसान की भरपाई के लिए चार दिन पहले 8 अप्रैल को समिति गठित की गई थी, जिसका उद्देश्य नेताओं से बातचीत कर उन्हें पार्टी में बने रहने के लिए राजी करना था। समिति में दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, छह पूर्व मंत्री, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
लोकसभा क्षेत्रवार समन्वय की जिम्मेदारी समिति के सदस्यों को सौंपी गई है, जिसमें सभी जिम्मेदार नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है। समिति के एक सदस्य ने अमर उजाला को बताया कि समिति गठन के दूसरे दिन सभी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें आगामी रणनीति बनाई गई। समिति मुख्य रूप से पूरे प्रदेश में संवाद और संपर्क पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस समिति के माध्यम से पार्टी का उद्देश्य असंतुष्ट नेताओं तक पहुंचकर पार्टी और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय स्थापित करना है। समिति में सभी वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है, ताकि वे पुराने और नए सदस्यों की समस्याओं को सुनें और उनका समाधान करें।