दिल्ली: सीएम अरविंद केजरीवाल की तबियत से जुड़ी याचिका पर आज यानी 19 अप्रैल को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तरफ से कहा गया कि उन्हें शुगर की बीमारी है, इसलि उन्हें नियमित जांच और इंसुलिन लेने की इजाजत दी जाए। इस पर ईडी ने आरोप लगाया कि डायबिटीज टाइप 2 का मरीज़ होने के बावजूद वह जेल जाने के बाद की बार आम, केला और चीनी वाली चाय ले चुके हैं और स्वास्थ्य आधार पर जमानत के लिए अपना शूगर लेवल ही जानबूझकर बढ़ा रहे हैं।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट सीएम केजरीवाल की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल को 22 साल से डायबिटीज टाइप 2 की बीमारी हो। जेल जाने से पहले जिस डॉक्टर से उनका इलाज़ चल रहा था, उसी से उनके जांच की अनुमति दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल रोज इंसुलिन लेते हैं, लिहाजा उन्हें इसकी भी अनमुति दी जाए। इस पर तिहाड़ जेल अथॉरिटी ने कहा कि आरोपी ने खुद ही इंसुलिन लेना बंद किया है।
ईडी के आरोपों पर सिंघवी ने दलील दी कि पिछले 10 दिनों से अरविंद केजरीवाल को खाने में आम नहीं दिया गया है और नवरात्रि में भी उन्होंने सिर्फ एक बार पूडी़ खाई थी। कोर्ट ने‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका की कॉपी अदालत और जांच एजेंसी को उपलब्ध कराने को कहा और केंद्रीय जांच एजेंसी तथा तिहाड़ जेल प्रशासन को 20 अप्रैल तक जवाब देने को कहा।
एजेंसी ने केजरीवाल को डाईट चार्ट भी किया सार्वजनिक
खाने को लेकर ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों पर जब केजरीवाल की तरफ से खंडन किया गया तो एजेंसी ने उनका डाईट चार्ट भी सार्वजनिक कर दिया। इस चार्ट में यह साफ साफ देखा जा सकता है कि उनके खाने में मेन्यू के अनुसार, चीनी वाली चाय, केला, आलू की सब्जी और आम शामिल रहता है, जोकि शुगर के मरीज़ के लिए काफी हानिकारक होता है।
उधर जेल प्रशासन ने अदालत से कहा कि अगर दिल्ली सीएम स्वास्थ्य के अनुसार, खाने पीने की सामग्रियों में परहेज नहीं करते हैं, तो उन्हें घर का खाना खाने की अनुमति वापस ले ली जाए, क्योंकि जेल मैनुअ के अनुसार किसी भी कैदी को घर का खाना देने की मनाही है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है और ईडी के जवाब की समीक्षा करने के बाद 22 अप्रैल को फैसला सुनाया जाएगा।