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अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दिया इस्तीफा, क्या सीएम पर बढ़ेगा दबाव?

अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दिया इस्तीफा, क्या सीएम पर बढ़ेगा दबाव?

दिल्ली: शराब घोटाले के भ्रष्टाचार में घिरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। वह लगातार निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक याचिका पे याचिका दाखिल किए जा रहे हैं, लेकिन कोई भी राहत नहीं मिल रही है। वहीं अब उन्हीं की सरकार के एक मंत्री ने अपनी ही सरकार पर भ्रष्ट होने का सवाल उठाते हुए मंत्री पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे दिया है।


बुधवार को दोपहर में दिल्ली की राजनीतिक सरगर्मी तब बढ़ गई, जब आम आदमी पार्टी सरकार में श्रम मंत्री राजकुमार आनंद ने प्रेस वार्ता बुला लिया। पत्रकारों को संबोधित करते समय उन्होंने कहा कि 12 साल पहले आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ही बनी थी, लेकिन आज खुद मुख्यमंत्री से लेकर शीर्ष नेता इसी दलदल में बुरी तरह फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने आम आदमी पार्टी इस उम्मीद में ज्वाइन की थी कि यह पार्टी देश से भ्रष्टाचार जैसी गंदगी को उखाड़ फेंकेगी, लेकिन अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि इस पार्टी ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।”


हाईकोर्ट के फैसले के बाद दोषी मानने लगे आनंद 


राजकुमार ने आगे कहा कि पहले उन्हें लगता था कि शराब घोटाले में ‘आप’ नेताओं को मोदी सरकार फंसा रही है, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को देखकर लगता है कि यहां कुछ ना कुछ बहुत बड़ा गड़बड़ हुआ है। भ्रष्टाचार में अपना नाम ना जुड़वाने को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अब आप सरकार को शासन करने की नैतिक ताकत बची है। अपने ही मंत्री के पद और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद आप नेता व कार्यकर्ता उन्हें भाजपा से प्रभावित बता रहे हैं और कहां जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।


आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, जिस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए केंद्रीय एजेंसी को जांच जारी रखने की बात कही।


6 मंत्रियों में से एक ने दिया इस्तीफा, अन्य 3 पर हैं आरोप


बता दें कि दिल्ली सरकार में सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर कुल 7 मंत्री हैं, जिनमें उनके अलावा कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, गोपाल राय, आतिशी, सौरभ भारद्वाज और राजकुमार आनंद थे। इनमें से तीन मंत्री यानी कैलाश गहलोत, आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के नाम परोक्ष रूप से इस घोटाले से जुड़े हुए हैं। गहलोत से ईडी इस मामले में पूछताछ भी कर चुकी है, जबकि आतिशी और सौरभ का नाम खुद सीएम केजरीवाल ने ईडी की पूछताछ में लेते हुए कहा है कि आरोपी विजय नायर उन्हें ही रिपोर्ट करता था।

ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि क्या आने वाले दिनों में यह तीनों मंत्री भी जेल जा सकते हैं? क्या मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफा के बाद केजरीवाल सरकार पर दबाव बढ़ेगा? क्या अरविंद केजरीवाल नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे? इन सभी सवालों का जवाब अब तो आने वाले समय में ही मिल सकता है।