लक्षद्वीप: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किस कदर है, इसका ताजा उदाहरण लक्षद्वीप में बढ़ता पर्यटन है। इस भारतीय द्वीप पर पर्यटन में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। पर्यटन अधिकारी इतिहास मोहम्मद ने एएनआई से बातचीत में कहा कि थिंक टैंक एजेंसी नीति आयोग ने लक्षद्वीप के तीन द्वीपों को एक टूरिज्म के लिए विकसित करने का फैसला किया है, जिनमें ‘बीच विला’ और ‘लगून विला’ शामिल हैं।
लक्षद्वीप में पर्यटकों की भीड़ तेजी से बढ़ रही है और कवरत्ती हवाई अड्डे पर जहाजों के आवागमन में भी वृद्धि दर्ज की गई है। जैसे-जैसे गर्मी नजदीक आ रही है लोग समुद्र की तरफ रूख़ कर रहे हैं। जो लोग पहले छुट्टियां मनाने मालदीव्स जाया करते थे, उन्होंने अब अपने ही देश के इस खूबसूरत द्वीप की तरफ रूख़ किया है। बीच किनारे छुट्टी मनाने पहुंचे दिल्ली निवासी अमन सिंह कहते हैं कि वह हमेशा से लक्षद्वीप जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे के बाद से यह संभव हो पाया है।
सिंह ने आगे कहा, “एक आम धारणा यह है कि यहां पर बहुत सारे आदिवासी निवास करते हैं, जिससे यहां घूमने के लिए अनुमति मिलना काफी मुश्किल है। लेकिन यहां आने के बाद यह धारणा गलत साबित हुई है।” एक अन्य पर्यटक सुमित ने कहा कि पीएम मोदी के दौरे के बाद उन्होंने और उनके दोस्तों ने लक्षद्वीप आने का प्लान बनाया। उन्होंने आगे कहा कि उनकी फ्लाइट कोच्चि से थी, जोकि कुछ घंटे लेट हो गई थी। लेकिन यहां आने के बाद वह सब कुछ भूल गए हैं और लक्ष्द्वीप की खूबसूरती का लुत्फ़ उठा रहे हैं
पीएम मोदी के दौरे के बाद मालदीव्स को हुई थी परेशानी
बता दें कि 4 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था और उन्होंने समुद्र किनारे खूबसूरती की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर मालदीप जाने वाले भारतीयों को अपने ही देश में छुट्टियां बिताने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री की बात का असर ऐसा हुआ की सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप ट्रेंड करने लगा और आम जनमानस से लेकर क्रिकेटर तथा फिल्म एक्टर्स सभी ने लक्षद्वीप के पर्यटन को प्रमोट करना शुरू कर दिया।
भारतीयों के इस कदम के बाद से मालदीव्स सरकार को परेशानी होने लगी थी और वहां के दो मंत्रियों ने इस भारतीय द्वीप की बुराई शुरू करते हुए सोशल मीडिया पर आम भारतीयों से लड़ना शुरू कर दिया। इसके बाद मालदीव्स में पर्यटकों की संख्या घटने लगी और वहां की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई। कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने यह पहल इसलिए भी की, क्योंकि इस द्वितीय देश में नई सरकार बनने के बाद भारत के साथ रिश्ते काफी तनावपूर्ण रहे हैं। मालदीव्स की वर्तमान मुइज्जु सरकार चीन परस्त मानी जाती है और उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी ‘इंडिया आउट’ नामक अभियान चलाया था।