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मई मे भारत-UAE,IMEC का प्रोटोकॉल बनाने पर करेंगे काम

मई मे भारत-UAE,IMEC का प्रोटोकॉल बनाने पर करेंगे काम

पिछले साल, सितंबर 2023 मे भारत, मध्य-पूर्व देश और यूरोपीय संघ की सरकारों ने जी-20 शिखर सम्मेलन मे इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकनोमिक कॉरिडोर (IMEC ) परियोजना के ज्ञापन (MOU)पर हस्ताक्षर किया था।इसका उद्देश्य व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाना है।मई से दोनों देश IMEC के प्रोटोकॉल बनाने पर काम शुरू करेंगे।


IMEC क्या है?

इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकनोमिक कॉरिडोर (IMEC) एक रास्ता जो भारत मिडिल ईस्ट और यूरोप को जोड़ेगा। इसका उद्देश्य एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। 


यह परियोजना रेल और शिपिंग नेटवर्क के माध्यम से यूरोप और एशिया के बीच व्यापार,परिवहन और संचार को मजबूत करने के लिए शुरू की गयी है। इसे चीन के बेल्ट एंड रोड इनिसियेटिव का काऊंटर भी बताया जा रहा है। यह सुएज (SUEZ) कैनाल को कड़ी अस्पर्धा देगा। 


इकनोमिक कॉरिडोर के फायदे-

1.व्यापार के अवसरों मे बढ़ोतरी-

 IMEEC, व्यापार और निवेश के लिए नई रास्ते खोलेगा,जिससे भारत, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य भाग लेने वाले देशों में व्यवसायों को लाभ होगा।


2.आर्थव्यवस्ता का विकास -

सभी भाग लेने वाले देशो की एक दूसरे से कनेक्टवीटी बढ़ने से,जरूरत की चीजे आसानी से उपलब्ध होंगी जैसे कच्चा माल, नौकरी, कौशल आदि। रोजगार की संभावना बढ़ाने से आर्थिक विकाश को बल मिलेगा।



3.एकीकरण को मजबूती -

IMEEC के जरिये मध्य-पूर्व के देश, भारत और यूरोप से जोड़ेगे।जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान, राजनयिक सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देगा।



इस विकास को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसने पूरे एशिया, अफ्रीका और यूरोप में चीन के प्रभाव का विस्तार किया है। IMEC का आरंम्भ भारत के साथ आर्थिक और भू-राजनीतिक शक्ति में वैश्विक बदलाव को रेखांकित करता है।