सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (4 अप्रैल) को महाराष्ट्र के अमरावती जिले से सांसद नवनीत कौर राणा को जाति प्रमाण पत्र मामले में बड़ी राहत देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मुंबई हाई कोर्ट द्वारा जांच समिति की रिपोर्ट में हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है। सांसद नवनीत राणा अमरावती लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव जीती थीं एवं वर्तमान में बीजेपी की सदस्य हैं।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी एवं न्यायमूर्ति संजय करोल की दो जजों की पीठ ने फैसला देते हुए कहा कि मौजूदा मामले में, जांच समिति ने उसके समक्ष रखे गए दस्तावेजों पर विधिवत विचार किया। इसका आदेश उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के योग्य नहीं है। न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने बीजेपी सांसद को त्वरित अपील की अनुमति देते हुए मुंबई हाई कोर्ट के पूर्व के फैसले को रद्द कर दिया और जांच समिति के फैसले को बरकरार रखा।
बता दें कि साल 2021 में नवनीत कौर राणा पर चुनाव के हलफनामे में फर्जी जाति प्रमाण पत्र देने का आरोप लगा था। 8 जून 2021 को हाई कोर्ट ने कहा था कि संसद में दस्तावेज में खुद को ‘मोची’ जाति का बताया है, जबकि वह ‘सिख चमार’ जाति से संबंध रखती हैं। उच्च न्यायालय ने जेल भेजने के साथ ही उन पर ₹2,00,000 का जुर्माना भी लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भावुक होकर नवनीत कहा- बच्चे पूछते थे…
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद नवनीत कौर राणा बहुत भावुक हो गईं और मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब वह जेल से बाहर आईं तो उनके बच्चे पूछते थे कि उन्होंने आखिर ऐसा क्या किया है कि उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने आगे कहा, “मैं पिछले 12 सालों से संघर्ष कर रही हैं और विरोधियों की तरफ से लगातार हमले झेल रही थी। यहां तक की मुझे जेल भी जाना पड़ा, लेकिन आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।”
अमरावती से बीजेपी की उम्मीदवार हैं राणा
साल 2019 में निर्दलीय चुनाव जीतकर अमरावती लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने संसद पहुंची नवनीत कौर राणा को इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। गुरुवार को फैसला आने के साथ ही राणा ने अमरावती से अपना नामांकन भी दाखिल किया है। नामांकन के बाद उन्होंने कहा कि पिछली बार भी लोगों ने मुझ पर भरोसा जताया और इस बार भी मुझे पूरी उम्मीद है कि वह मेरे साथ है। उनके भरोसे के बदौलत ही आज मुझे सर्वोच्च अदालत से न्याय मिला है।