कर्नाटक: कांग्रेस ने बीजेपी पर एक बार फिर से राज्य में विधायकों को लालच देकर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विपक्षी दल पर कांग्रेसी विधायकों को 50-50 करोड़ रुपए प्रस्तावित कर ‘ऑपरेशन लोटस’ का आरोप लगाया है। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को निराधार बताया है।
सीएम सिद्धारमैया ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके विधायकों को बीजेपी की तरफ से 50-50 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया है और साथ ही कुछ माननीय सदस्यों को मंत्री पद का भी लालच दिया गया है। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) पिछले साल से ही पार्टी तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे फेल हो गए हैं।
यह पूछे जाने पर कि बीजेपी कह रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर जाएगी, कांग्रेस नेता ने कहा, “ऐसा बिल्कुल असंभव है। हमारे विधायक हमारे साथ हैं और कोई भी विधायक पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाएगा। हमारी ये सरकार पूरे पांच साल तक सत्ता में रहेगी।”
बीजेपी ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी सांसद एस. प्रकाश ने जवाब देते हुए कहा कि ये बेहद ही “दुर्भाग्यपूर्ण” है कि वे राज्य में लोगों की सहानुभूति के लिए ऐसे फालतू के आरोप लगा रहे हैं। प्रकाश ने कहा, “बजाए राज्य के विकास और 28 लोकसभा सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान देने के, सिद्धू ऐसे आरोप सिर्फ इसलिए लगा रहे हैं, ताकि उन्हें सूबे के उन लोगों का भी समर्थन मिल सके जो उनके साथ नहीं हैं।
राज्य में पहले भी सफल हो चुका है ‘ऑपरेशन लोटस’
बता दें कि ‘ऑपरेशन लोटस' पहले भी राज्य में कामयाब हो चुका है। साल 2018 में हुए चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की मदद से राज्य में सरकार बनाई थी और जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी ने 18वें मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। लेकिन 19 मई 2018 को मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने वाले कुमारास्वामी मात्र 14 महीने ही कार्यालय में रह पाए और 23 जुलाई, 2019 और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
बीजेपी ने ‘ऑपरेशन लोटस' चलाया था और कुमारस्वामी सरकार के 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिससे कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिर गई थी। इसके बाद 105 सीटों के बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाई और 6 महीने के भीतर हुए उपचुनाव में 15 में से 12 सीटें जीतकर बीजेपी ने 117 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत भी हासिल कर लिया। 2021 में येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया और उन्हीं की पार्टी के बसवराज बोम्मई 28 जुलाई, 2021 को मुख्यमंत्री बने।